इतिहास
आदर्श विद्या मंदिर की स्थापना भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की अमर धारा को संरक्षित एवं समाज तक पहुँचाने के उद्देश्य से की गई थी। प्राचीन काल से ही यह भूमि ज्ञान, भक्ति और तप की साधना का केंद्र रही है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आदर्श विद्या मंदिर की नींव रखी गई।
मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि यह शिक्षा, संस्कार और सामाजिक सहयोग का भी केंद्र रहा है। यहाँ समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान, आध्यात्मिक प्रवचन, भक्ति संगीत और सामाजिक सेवाओं के कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। मंदिर ने अपनी स्थापना से आज तक समाज में एकता, सद्भाव और आध्यात्मिक चेतना जगाने में अहम योगदान दिया है।